छत्तीसगढ़राज्य

छत्तीसगढ़-बालोद में सीएम साय ने की घोषणा, शहीद वीर नारायण स्टेडियम में लगेगी सोनाखान के जमींदार की प्रतिमा

बालोद.

शहीद वीर नारायण सिंह की 167वीं पुण्यतिथि पर जिले के राजराव पठार में विराट वीर मेला आयोजित किया गया। जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने यहां पहुंचकर शहीद वीर नारायण सिंह की विशाल प्रतिमा पर माल्यार्पण और पूजा-अर्चना की। सीएम साय ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह की स्मृति और उनके इतिहास को आज की युवा पीढ़ी के समक्ष रखना जरूरी है।

इस दौरान उन्होंने करोड़ों रुपये की सौगात दी, जिसमें राजधानी के शहीद वीर नारायण सिंह स्टेडियम में विशाल शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा बनाने की घोषणा की और मेला स्थल के मुख्य देव स्थल के लिए सड़क निर्माण, पेयजल व्यवस्था और 20 लाख महिलाओं के भवन के लिए 30 लाख सहित करोड़ों रुपयों के विकास कार्यों की सौगात दी। सीएम साय ने कहा कि यहां पर आज अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए भाजपा सरकार लगातार काम कर रही है। देश के प्रधानमंत्री ने पूरी जनजाति के बारे में सोचा, मुझ जैसे एक व्यक्ति को यहां का मुख्यमंत्री बनाया और पीएम मोदी जी ने देश के सर्वोच्च पद पर हमारी बहन को राष्ट्रपति बनाया। उन्होंने कहा कि समाज से जो भी बातें आ रही हैं उसके लिए समाज के लोगों के साथ एक दिन बैठने की आवश्यकता है तब हाल निकल पाएगा।

समाज ने राखी अपनी मांग
आयोजन के प्रमुख यू आर गंगरेल ने कहा कि इस आयोजन की शुरुआत 2014 से हुई थी, जिसके बाद से इसकी भव्यता बढ़ती जा रही है। बस्तर से लेकर दूर दराज के लोग पहुंचते हैं। तीन जिले के लोग विशेष रूप से शामिल होते हैं, जिसमें बालोद धमतरी और कांकेर शामिल है। उन्होंने कहा कि शासन से 10 लाख का सहयोग कभी मिलता है, कभी नहीं मिल पाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने समाज की बातों को रखते हुए व्यवस्थाओं की दरकार के बारे में अवगत कराया और स्वीकृति कराने की मांग की, जिसमें पेयजल व्यवस्था सड़क इत्यादि शामिल है। प्रांत अध्यक्ष अकबर राम कोर्राम ने कहा कि यहां पर समाज में धर्म परिवर्तन बड़ा विषय है, जिसमें समाज और सरकार को क्या करना है ये बड़ा विषय है उन्होंने आरक्षण के विषय को बढ़ाने की बात कही। सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक नन्द कुमार साय ने कहा कि यहां पर ये आयोजन इसलिए होते है कि युवा पीढ़ी जानें समझे कौन थे शहीद वीर नारायण सिंह। उन्होंने कहा कि वीर नारायण सिंह इतने निडर थे कि एक बार जंगल में आदमखोर शेर तबाही मचा रहा था तब वे अपना कबरा नाम का घोड़ा लेकर निकल पड़े शेर से लड़ने जिसके बाद उनके नाम के आगे वीर जोड़ा गया। वहीं एक समय ऐसा आया जब तीन साल तक पानी नहीं गिरा। भीषण अकाल पड़ गया, तब उन्होंने सेठ साहूकारों का खजाना लूट कर गरीबों के लिए बांटा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button