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कुर्ला में इलेक्ट्रिक बस हादसा, 6 हफ्ते की ट्रेनिंग की बजाय एक दिन की ट्रेनिंग पर चल रही थी बस

मुंबई के कुर्ला में हुए बस हादसे में हर रोज नई जानकारी सामने आ रही है। अब पता चला है कि ड्राइवर को इलेक्ट्रिक बसें चलाने का अनुभव ही नहीं था। उसने हादसे से पहले केवल एक दिन इलेक्ट्रक बस चलाने की ट्रेनिंग ली थी।

दरअसल सोमवार को मुंबई के कुर्ला इलाके में बृहनमुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) की इलेक्ट्रिक बस के चालक ने नियंत्रण खो दिया था। इसके बाद बस ने सड़क पर गुजर रहे लोगों और गाड़ियों को रौंद दिया था। इस घटना का सीसीटीवी भी सामने आया था।

पुलिस को मिली है कस्टडी
बस ड्राइवर संजय मोरे को पुलिस ने गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस को 21 दिसंबर तक उसकी कस्टडी मिली थी। पुलिस के सूत्रों ने बताया कि पूछताछ में मोरे ने इलेक्ट्रिक बस चलाने का अनुभव न होने की बात कबूली है।

मोरे ने पुलिस से कहा कि उसे नॉन-ईवी बसें चलाने का तो काफी अनुभव है, लेकिन इलेक्ट्रिक बस उसने कभी नहीं चलाई। उसने कहा कि ट्रेनिंग के दौरान उसे केवल तीन बार ही इलेक्ट्रिक बस चलाने के लिए मिली थी।

6 हफ्ते की ट्रेनिंग जरूरी
हालांकि BEST के नियमों के मुताबिक, इलेक्ट्रिक बस चलाने के लिए किसी भी ड्राइवर को 6 हफ्तों की ट्रेनिंग जरूरी है। मोरे ने यह भी कहा कि उसे पता ही नहीं था कि वह क्या कर रहा है और इसी वजह से बस से उसने नियंत्रण खो दिया।

जांच में सामने आया है कि हादसे के वक्त बस की स्पीड 60 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा थी। पुलिस ने बस के कंडक्टर समेत कुल 25 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। अब ड्राइवर मोरे के परिजनों और सहकर्मियों से भी पूछताछ की जाएगी।

यह बस करीब 3 महीने से चल रही थी। उसकी भी टेक्निकल जांच की जाएगी। BEST की इलेक्ट्रिक बसों का संचालन प्राइवेट कंपनी लीज पर करती है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, करीब 200 मीटर तक बस लोगों को घसीटते हुए गई थी।

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