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नालंदा में चौकाने वाला मामला: पत्नी की हत्या के आरोप में चार महीने जेल में बिताने के बाद पत्नी मिली जिंदा

नालंदा: नालंदा जिले के नगरनौसा थाना क्षेत्र के चौरासी गांव से बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिस पत्नी की हत्या के आरोप में पति को जेल की हवा खानी पड़ी थी, वह जिंदा निकली है। यही नहीं महिला ने दूसरी शादी करके अपना घर भी बसा लिया है। वहीं दूसरी ओर पहला पति दहेज और हत्या का केस लड़ रहा है। इस मामले का आश्चर्यजनक पहलू यह है कि पुलिस के एक अनुसंधानकर्ता ने ही जांच में महिला को मृत मानते हुए कोर्ट में पति और उसके माता-पिता के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया था। उसी पुलिस ने उस मृत महिला को पूर्णिया के धमदाहा से सकुशल बरामद कर गुरुवार को उसी हिलसा कोर्ट में हाजिर किया है।

5 साल के बच्चे के साथ जिंदा मिली
महिला ने दूसरी शादी कर ली है और दूसरे पति से उसे एक 5 साल का बच्चा भी है। जानकारी के अनुसार, नगरनौसा थाना के चौरासी गांव के युगल पासवान के पुत्र की शादी 2015 में पटना जिला के गौरीचक थाना के अंडारी गांव के हरिचंद्र पासवान की पुत्री सुधा से हुई थी। लड़की के पिता के अनुसार विवाह के 3 वर्ष बाद सुधा गायब हो गई।

दहेज हत्या का आरोप
इसके बाद उसने 2018 में हिलसा कोर्ट में पुत्री के ससुराल वालों के विरुद्ध दहेज की खातिर हत्या का मामला दर्ज करा दिया। कोर्ट के निर्देश पर नगरनौसा थाना में पति कुंदन कुमार, उसके पिता युगल पासवान, मां, गांव के श्रवण पासवान, चंदेश्वर पासवान, रंजय पासवान एवं टुनी देवी के विरुद्ध दहेज हत्या की धारा 304 बी एवं 201/34 के तहत प्राथमिकी संख्या 123/2018 अंकित की गई थी। दहेज हत्या की धारा के कारण पुलिस ने बिना अनुसंधान किए लापता सुधा कुमारी के पति कुंदन कुमार को गिरफ्तार कर लिया और उसे लगभग चार माह जेल में गुजारने पड़े।

दूसरे पति के पास भेजी गई
मामले में पुलिस के अनुसंधानकर्ता 90 दिन में आरोपपत्र न्यायालय में जमा नहीं कर सके तो कुंदन को जमानत मिल गई। अभी इस मामले का सेशन ट्रायल हिलसा व्यवहार न्यायालय के चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश अमित कुमार पांडेय के न्यायालय में गवाही के लिए चल रही है। इसी बीच बीते गुरुवार को नगरनौसा थाना पुलिस अपनी ही फाइलों में मृत सुधा कुमारी को पूर्णिया जिले के धमदाहा से बरामद कर लाई। उसी दिन उसे धारा 164 का बयान दर्ज करवाने के लिए हिलसा कोर्ट के द्वितीय श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में प्रस्तुत किया। कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने सुधा को उसके दूसरे पति को सौंप दिया है।

थाना अध्यक्ष ने मानी अनुसंधानकर्ता की लापरवाही
नगरनौसा थाना अध्यक्ष ने कहा कि दहेज हत्या के इस मामले में तथ्यों को देखने से प्रतीत होता है कि इस कांड के अनुसंधानकर्ता ने भयंकर लापरवाही की है। सही से जांच नहीं होने के कारण निर्दोष कुंदन कुमार और उसके परिवार को मानसिक, आर्थिक और शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी है।सबहरहाल, इसकी भरपाई कैसे होगी, यह तो पुलिस ही बता सकती है।

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