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पॉपकॉर्न के बढ़ते बाजार को देखते हुए GST में बदलाव, 5%, 12% और 18% टैक्स लागू

GST Council Popcorn: GST काउंसिल ने शनिवार को पॉपकॉर्न को 3 तरह के टैक्स स्लैब में डाल दिया है. 5 %, 12 % और 18 %. क्या आपने सोचा है कि आखिर पॉपकॉर्न जैसी चीज को GST के दायरे में लाने की जरुरत ही क्यों पड़ी? वास्तव में पॉपकॉर्न का बाजार भारत में कोई छोटा मोटा नहीं है. इसका दायरा और बाजार काफी बड़ा है. भारत में इसका मार्केट साइज करीब 1200 करोड़ रुपए का है. जो साल 2030 में करीब 2600 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है.

एक रिपोर्ट के अनुसार पॉपकॉर्न के मार्केट में साल 2024 से लेकर 2023 तक 12 % से ज्यादा की ग्रोथ देखने को मिल सकती है. खास बात तो ये है कि पूरी दुनिया में पॉपकॉर्न का बाजार 75 हजार करोड़ रुपए है. अब आप समझ सकते हैं कि आखिर सरकार के लिए पॉपकॉर्न से कमाई करना कितना जरूरी हो गया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पॉपकॉर्न का मार्केट किस तर​ह का देखने को मिल रहा है?

भारत में पॉपकॉर्न का बाजार तेजी के साथ बूस्ट कर रहा है. देश में बीते कुछ सालों में इसकी ग्रोथ 10 % से ज्यादा देखने को मिल रही है. साल 2030 तक 12 % से ज्यादा देखने को मिल सकती है. आंकड़ों के अनुसार पॉपकॉर्न का साल 2023 तक 1,158 करोड़ रुपए का था. जोकि मौजूदा समय में करीब 1,200 करोड़ रुपए के आसपास देखने को मिल रहा है. खास बात तो ये है कि साल 2023 तक ये आंकड़ा 2,572 करोड़ रुपए तक के आंकड़े को भी पार सकता है. रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 से लेकर 2030 तक देश में पॉपकॉर्न मार्केट 12.1 % की दर से बढ़ने का अनुमान है.

वास्तव में देश में पॉपकॉर्न की बढ़ती खपत का प्रमुख कारण आम लोगों का मल्टीप्लेक्स और मूवी थिएटर्स में जाने का चलन है. वहीं दूसरी और घर पर भी इसका कंजंप्शन काफी बढ़ गया है. खासकर तब जब घर के सभी लोग एक साथ बैठकर घर पर ही फिल्म या फिर क्रिकेट मैच देखते हैं. आंकड़ों को देखें तो 2021 में, रेडी-टू-ईट (R2E) पॉपकॉर्न सबसे ज्यादा रेवेन्यू जेनरेट करने वाला टाइप था. जबकि माइक्रोवेव पॉपकॉर्न सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेगमेंट देखने को मिला. अगर बात सेलर की करें तो भारत का मल्टीप्लेक्स PVR प्रतिदिन औसतन 18,000 पॉपकॉर्न टब बेचता है। बानाको भारत के लगभग 80 % मल्टीप्लेक्सों को पॉपकॉर्न के दानों की सप्लाई करता है.

वहीं दूसरी ओर ग्लोबल मार्केट की बात करें तो वो भी छोटा नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 में पॉपकॉर्न का मार्केट 8.80 बिलियन डॉलर यानी करीब 75 हजार करोड़ रुपए का है. जिसके साल 2029 तक 14.89 बिलियन डॉलर यानी 1.26 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है. 2024 से 2029 तक ग्लोबली पॉपकॉर्न मार्केट 11.10 % की ग्रोथ कर सकता है. पॉपकॉर्न का सबसे बड़ा मार्केट नॉर्थ अमेरिका है. जबकि जबकि सबसे तेजी के साथ ग्रो करने वाला बाजार एशिया पेसिफिक है. ग्लोबल लेवल पर पॉपकॉर्न के बड़े प्लेयर्स में हर्शीज, पेप्सिको, पॉप वीवर, कोनाग्रा आदि शामिल है.

GST काउंसिल पॉपकॉर्क को GST के दायरे में लेकर आ गई है. GST काउंसिल ने फ्लेवर के हिसाब से पॉपकॉर्न को GST के अलग-अलग स्लैब में रखा है. साधारण नमक और मसालों से तैयार पॉपकॉर्न, जिस पर पैकेज्ड और लेबल्ड नहीं होगा उस पर 5 % GST लगेगा. वहीं जिन पॉपकॉर्न पर पैकेज्ड और लेबल्ड लगा हुआ होगा तो उस पर GST रेट 12 % होगा. चीनी जैसे कारमेल से तैयार पॉपकॉर्न को 18 % टैक्स स्लैब के दायरे में रखा गया है.

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