हाईकोर्ट आदेश के बाद भी ईएनसी पद से नहीं हटाए गए शिरीष मिश्रा, कोर्ट ने कहा था नियुक्ति अवैध, वित्तीय अधिकार वापस लिए जाएं
भोपाल। तीन दिन पहले मप्र हाइकोर्ट ने जल संसाधन विभाग में संविदा आधार पर नियुक्त रिटायर्ड अधीक्षण यंत्री को इंजीनियरिंग इन चीफ और मुख्य अभियंता का पद तत्काल छोड़ने और सभी वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार भी तत्काल छोड़ने के आदेश दिए हैं, लेकिन अभी तक ई एनसी मिश्रा को हटाया नहीं गया है। उलटे सरकार ने पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम की पूरी जिम्मेदारी मिश्रा को थमा दी है। विभागीय मंत्री ने इस मामले से सीएम को अवगत कर दिया था, पर नए प्रमुख अभियंता की नियुक्ति नहीं हो पाई। हाईकोर्ट ने तीन दिन पहले जूनियर अधीक्षण यंत्री को सक्दिा नियुक्ति देकर ईएनसी और चीफ इंजीनियर की जिम्मेदारी देने के राज्य सरकार के आदेश को गलत ठहराया है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार केत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने इस संबंध में कोर्ट को एकलपीठ के आदेश को पलटते हुए यह फैसला दिया है। जल संसाधन विभाग में ही पदस्थ सीनियर अधीक्षण यंत्री जोश सिंह कुरे और विनोद सिंह टेकाम की अपील पर यह आदेश दिया है। जिसमें कहा था कि शिरीष कुमार मिश्रा उनसे 5 साल जूनियर थे और रिटायर होने के बाद भी सरकार ने एक साल की संविदा देते हुए ईएनसी तथा चीफ इंजीनियर का प्रभार दे दिया।
चीफ जस्टिस ने आदेश में स्पष्ट लिखा
चीफ जस्टिस ने अपने आदेश में साफ लिखा है कि प्रतिवादी नंबर 4 को तुरंत इंजीनियर-इन-चीफ के पद का प्रभार छोड़ने का निर्देश दिया जाता है, जिसमें सभी प्रशासनिक अधिकारों के साथ पदोन्नति पद के वित्तीय प्रभारों का त्याग भी शामिल होगा। प्रतिवादी संख्या 4 को मुख्य अभियंता (केंद्रीकृत निविदा इकाई), भोपाल का प्रभार भी दिया गया है जो अधीक्षण अभियंता के पद पर पदोन्नति का पद है। वह उस पद का वित्तीय और प्रशासनिक प्रभार भी छोड़ देंगे और यह स्पष्ट किया जाता है कि उन्हें केवल अधीक्षण अभियंता के पद या समान वेतनमान वाले समकक्ष पद का प्रभार संभालने की अनुमति दी जाएगी, न कि विभाग में किसी पदोन्नति के पद की, जो अधीक्षण यंत्री के पद से उच्चतर है। प्रतिवादी नंबर 4 को ऐसे सभी प्रभार तुरंत त्यागने होंगे।