राजनीती

संघ प्रमुख के बयान पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने जताई आपत्ति

कहा- भागवत आम हिंदुओं की दुर्दशा को सही मायने में नहीं समझते 

नई दिल्ली। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के मंदिर-मस्जिद विवादों को लेकर दिए गए बयान पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आपत्ति जताई है। स्वामी ने कहा कि मोहन भागवत हिंदुओं की पीड़ा नहीं समझते। इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया दी है।
आरएसएस प्रमुख के बयान पर शंकराचार्य ने उन पर राजनीति से प्रेरित बयान देने का आरोप लगाया है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि भागवत ने दावा किया है कि कुछ लोग नेता बनने के लिए मंदिर-मस्जिद के मुद्दे उठाते हैं, लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि आम हिंदू नेता बनने की आकांक्षा नहीं रखते। भागवत आम हिंदुओं की दुर्दशा को सही मायने में नहीं समझते हैं उन्होंने कहा कि जब भागवत और उनके सहयोगी सत्ता में नहीं थे, तो वे राम मंदिर बनाने के लिए उत्सुक थे। अब जब वे सत्ता में हैं, तो ऐसे बयान अनावश्यक हैं। 
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बीते 19 दिसंबर को कई मंदिर-मस्जिद विवादों के फिर से उठने पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग यह मानने लगे हैं कि वे इस तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। भागवत ने समावेशी समाज की वकालत की थी और कहा था कि दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि देश सद्भाव के साथ एक साथ रह सकता है।
 

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