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जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे पर ट्रंप की टिप्पणी, कहा- कनाडा के लोग चाहते हैं विलय….

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आंतरिक मतभेद का मतलब है कि वह अगले चुनाव के लिए सबसे योग्य विकल्प नहीं होंगे। ट्रूडो के इस्तीफे पर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रितक्रिया दी है।

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कनाडा के बहुत सारे लोग चाहते हैं कि यह अमेरिका 51वां राज्य बन जाए। अमेरिका अब भारी व्यापार घाटे के साथ सब्सिडी को सहन नहीं कर सकता है, जिसकी कनाडा को बने रहने के लिए जरूरत थी।

उन्होंने आगे कहा कि जस्टिन ट्रूडो यह जानते थे और इस्तीफा दे दिया। अगर कनाडा, अमेरिका में विलय कर लेता, तो कोई टैरिफ नहीं होता, कर बहुत कम हो जाते और रूसी-चीनी जहाजों के के खतरे से पूरी तरह सुरक्षित होता। साथ मिलने से यह कितना महाराष्ट्र होता।

न्यू डेमोक्रैटिक पार्टी नेता जगमीत सिंह ने भी घेरा
कनाडा में विपक्षी दल न्यू डेमोक्रैटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह ने कहा, "समस्या सिर्फ जस्टिन ट्रूडो की नहीं है बल्कि फैसले लेने वाले हर मंत्री की है। हर लिबरल सांसद उन सभी कनाडाई लोगों को नीची नजरों से देखता है जो ऊंची कीमतों या ढहती स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चिंतित हैं। लिबरल को दूसरा मौका नहीं मिलना चाहिए, फिर चाहे नेता कोई भी हो।"

भारत विरोधी एजेंडा चलाने में जुटे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की उल्टी गिनती तभी शुरू हो गई थी, जब बीते वर्ष कनाडाई संसद में ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि उनके पास खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के विश्वसनीय अभियोग हैं। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच संबंध सबसे खराब स्थिति में पहुंच गए थे। हालांकि, अब इस्तीफे की घोषणा के बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के बेहतर होने की उम्मीद जग गई है।

बीते वर्ष कनाडा द्वारा भारत के उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को निज्जर की हत्या से जुड़े व्यक्ति के रूप में बताए जाने के बाद काफी बड़ा कूटनीतिक विवाद शुरू हो गया था। भारत ने कनाडा के सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इन्हें बेतुका और प्रेरित बताते हुए ओटावा पर आरोप लगाया था कि वो देश में चरमपंथी और भारत विरोधी तत्वों को जगह दे रहा है।

भारत-कनाडा के खराब संबंध के लिए ट्रूडो जिम्मेदार
निज्जर की हत्या के संबंध में अक्टूबर 2024 में ट्रूडो ने कनाडाई विदेशी हस्तक्षेप जांच के समक्ष स्वीकार किया था कि भारत इस इन आरोपों से जुड़े सबूत मांग रहा है जबकि उनकी सरकार ने केवल खुफिया जानकारी दी थी और कोई ठोस सबूत नहीं दिया।

इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस लापरवाह व्यवहार ने भारत-कनाडा संबंधों को जो नुकसान पहुंचाया है, उसकी जिम्मेदारी अकेले ट्रूडो की है। इस दौरान खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा कनाडा में हिंदुओं के साथ मंदिरों को भी निशाना बनाया है।

इसके बाद नवंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कड़े शब्दों में एक्स पोस्ट पर लिखा था कि हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने के कायराना प्रयास भी उतने ही भयावह है। ऐसे हिंसक कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं करेंगे।

हम कनाडा सरकार से न्याय सुनिश्चित करने और कानून के शासन को बरकरार रखने की उम्मीद करते हैं। विशेषज्ञों द्वारा पीएम मोदी की इस पोस्ट को ना केवल खालिस्तानी आतंकियों बल्कि कनाडा सरकार के लिए भी एक चेतावनी बताया गया

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