धर्म

नहीं कर पा रहे हैं प्रयाग महाकुंभ में स्नान? घर बैठे करें ये 6 काम… मां गंगा देंगी पूरा आशीर्वाद

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आगाज हो गया है. मान्यता है कि कुंभ के मेले में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है. हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन से निकले अमृत को पाने के लिए देवताओं और राक्षसों में 12 वर्षो तक युद्ध चला. इस युद्ध के दौरान कलश से जिन स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरीं वहां पर कुंभ मेला आयोजित किया जाता है. धार्मिक ग्रंथो के मुताबिक 144 वर्षों बाद प्रयाग महाकुंभ में अद्भुत संयोग बन रहा है. पूरे देश-दुनिया से लोग महाकुंभ में स्नान करने आ रहे हैं. बहुत से ऐसे लोग हैं जो किसी कारण प्रयाग महाकुंभ-2025 के शाही स्नान में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, तो वे अपने घर पर कुछ नियमों का पालन करते हुए महाकुंभ का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं. आइए जानते हैं क्या हैं वो नियम.

कि शाही स्नान सूर्योदय से पहले किया जाता है. कोशिश करें कि आज किसी पवित्र नदी या सरोवर में जाकर स्नान करें या अगर आपके आसपास कोई पवित्र नदी नहीं है, तो आप घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. इस दौरान गंगा मैया को सच्चे मन से याद करें और हर हर गंगे मंत्र का जाप करें इस विधि से भी पुण्य की प्राप्ति होगी.

    हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार कुंभ में स्नान के दौरान नदी में 5 बार डुबकी लगाने का नियम है. तो, आप भी ऐसा कर सकते हैं. साथ ही स्नान के समय साबुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
    स्नान के बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करें, उसके बाद घर के आंगन या छत पर तुलसी मैया को जल अर्पित करें.
    महाकुंभ में दान का विशेष महत्व होता है. स्नान के बाद घर पर गरीबों या जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े, या धन का दान करें.
    घर पर स्नान के बाद व्रत रखें या सात्त्विक भोजन करें. प्याज, लहसुन और तामसिक चीजों से परहेज करें.
    सबसे जरूरी है कि आपके मन में श्रद्धा और पवित्रता हो. शाही स्नान का महत्व शरीर की शुद्धता के साथ- साथ आत्मा की शुद्धि में भी है. इन चरणों को अपनाकर आप घर बैठे महाकुंभ और शाही स्नान का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button